जाने क्या है दुनिया का सबसे बड़ा पाप
आइए आज चर्चा करते हैं,एक ऐसे विषय पर जो आज के समय में कड़वा सच नहीं नहीं बल्कि अटल सत्य भी हैं और इस सत्य से हर मानव मात्र को कभी ना कभी प्रत्यक्ष होना ही पड़ता हैं और वो सच क्या हैं आइए जाने तो बात करते हैं,क्या हैं दुनिया का सबसे बड़ा पाप आप को बता दें एक ऐसा कर्म जो ना चाहते हुए भी हर प्राणी कर बैठता है एक ऐसा कर्म जिसके करने या हो जाने से मनुष्य मात्र एक नर्क भरा जीवन यापन करने के लिए बाधित हो जाता हैं,घुट घुट कर जीने पर बाध्य हो जाता है कभी किसी से ऊंची आवाज और दृष्टि मिलाकर बात नहीं कर पाता है जिसके कारण रात की निद्रा भंग हो जाती हैं दिन की सुख शांति नष्ट हो जाती है तो बंधुओं आइए जाने क्या है ऐसा कर्म जो आज दुनिया का सबसे बड़ा पाप बन गया था सबसे बड़ा अभिशाप बन गया है तो बता दें वह है एक भयंकर दानव रूपी कर्ज,,हां हां कर्ज जिस राक्षस दूसरा नाम है ऋण ,ये एक ऐसा पाप है आज के समय में जिस किसी पर हो जाता हैं उसको कोई भी व्यक्ति आदर सम्मान की दृष्टि से नहीं देखता ,जिस मनुष्य पर कर्ज का भार होता है मानव समाज में कोई उसकी बात को अहमियत नहीं देता चाहे फिर उसकी बात कितनी ही महत्वपूर्ण या सत्य क्यों ना हो उसको ना कोई सुनता है ना कोई मानता है
एक कर्जवान मनुष्य कभी भी किसी भ्रष्टाचार या किसी भी अन्याय अनीति और किसी भी अपराध का विरोध करने का अधिकारी नहीं माना जाता है और ना ही शासन प्रशासन कभी उसकी कोई परेशानी या याचना को सुनता है और ना ही उसकी कितनी भी सत्य बात को मान्य करता है एक कर्ज में दबे हुए मनुष्य को कोई भी मारपीट सकता है कोई भी उसकी बेइज्जती कर सकता है शासन प्रशासन और भगवान दोनों की और से उसको तिरस्कृत करने की अनुमति होती हैं क्योंकि उसने अपने ऊपर कर्ज का भार लेकर पृथ्वी लोक का सबसे बड़ा पाप किया होता है ऐसा आज माना जाता हैं कर्ज से बड़ा पाप इस धरती पर और कोई भी नहीं है जो कर्ज के बोझ से दबा हुआ है उसके साथ कोई कितना भी अत्याचार ,न्याय अनीति कर दे सब कुछ जायज माना जाता है और यदि एक कर्जदार व्यक्ति अगर अपने साथ हो रहे अत्याचार या भ्रष्टाचार के लिए गलती से भी ऊंची आवाज में बोल दे या अत्याचार और भ्रष्टाचार का विरोध कर दे तो वह मनुष्य दुनिया का सबसे बड़ा आंतकवादी और बुरा मनुष्य माना जाता है उसका जीवन एक ऐसे नरक में निकलता है कि वो खुलकर सांस भी नहीं ले पाता है
उसकी बात कोई बात नहीं मानी जाती उसके द्वारा कोई कार्य छाए वह कितना भी सराहनीय क्यों ना हों सब नज़रअंदाज कर दिया जाता है ये एक ऐसा कड़वा सच है जिसको कोई किसी भी प्रकार से झुठला नहीं सकता है